अर्थ : सवाल बढ़िया है. कार्य सिद्ध होगा.
चौपाई : मुद मंगलमय संत समाजु। जो जग जंगम तीरथराजू
अर्थ:-संतों का समाज आनंद और कल्याणमय है, जो जगत में चलता-फिरता तीर्थराज (प्रयाग) है। जहां (उस संत समाज रूपी प्रयागराज में) राम भक्ति रूपी गंगाजी की धारा है और ब्रह्मविचार का प्रचार सरस्वतीजी हैं॥
English Translate
Answer : Great question. The work will be successful.
Chaupai : Mud Mangalamay Sant Samaaju. Jo Jag Jangam Teeratharaajoo
Meaning: The society of saints is blissful and welfare, which is the Tirtharaj (Prayag) walking in the world. Where (in Prayagraj in the form of a saintly society) there is a stream of Gangaji in the form of Ram’s devotion, and Saraswatiji is the propagator of Brahma thought.